नगरोटा के नाकाम आतंकी साजिश में पड़ोसी मुल्क का नाम आने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने लगातार हो रही फजीहत से बचने की कोशिश कर रहा है. एक ओर जहां इस्लामाबाद अपनी छवि बचाने की जुगत कर रहा है वहीं दूसरी ओर भारत ने आज पाकिस्तानी राजनयिक को नगरोटा एनकाउंटर से जुड़े दस्तावेज सौंपे हैं.
इसके साथ ही भारत की तरफ से पाकिस्तानी राजनयिक को यह भी बताया गया है कि नगरोटा में मारे गए सभी आतंकी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह का हिस्सा थे.
पाकिस्तान ने अपनी सफाई में कही थी ये बात
जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में मारे गए आतंकियों के पास से बरामद क्यू कंपनी के मोबाइल सेट, लोकल जीपीएस और पाकिस्तान में बने वायरलेस सेट इस साजिश में पाकिस्तान के शामिल होने की खुलकर गवाही देते हैं. इस मामले में भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान के राजनयिक को बुलाकर फटकार भी लगाई, लेकिन पाकिस्तान एक बार फिर से अपने पुराने रवैये पर कायम है.
इन सबूतों को खारिज करते हुए पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया को समन किया था. अपनी आदत के मुताबिक पाकिस्तान भारत के आरोपों को गलत बताया था और कहा था कि भारत आधारहीन आरोप लगा रहा है.
शनिवार को भी भारत ने पाकिस्तानी राजनियक को किया था समन
बता दें कि शनिवार को भारत ने इस मामले में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के राजनयिक को तलब कर भारत की ओर से सबूतों के साथ फटकार लगाई थी. भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि नगरोटा में मारे गए आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे. भारत ने कहा कि पाकिस्तान इन आतंकियों को पनाह देता है.